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शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

Dhoni


धोनी विनिंग मोवेमेंट

विश्व कप क्रिकेट में अपनी बादशाहत कायम करने के बाद भारतीय टीम के 'कैप्टन कूल' महेंद्र सिंह धोनी रो पड़े थे...जीत के बाद खुशी में वो अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए...मैदान से भावनाओं को काबू में रखते हुए ड्रेसिंग रूम पहुंचे...लेकिन वहां उनका सब्र जवाब दे गया...ड्रेसिंग रूम पहुंचने के बाद उन्होंने देखा..कि उनके दो और साथी रो रहे थे...इसके बाद तो उनसे भी नहीं रहा गया...और वो रो पड़े...फिर तो पूरी की पूरी टीम रो पड़ी...भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने पहली बार मीडिया के सामने ये कबूला...धोनी ने कहा...की अगले विश्वकप में अभी साढ़े तीन वर्ष बाकी हैं...उन्हे पता नहीं...कि तब टीम में उनकी क्या स्थिति होगी...अगर सबकुछ सही चलता रहा...तो वर्ष 2013 के अंत में मैं देखूंगा...कि क्या मैं विश्वकप के लिए उपलब्ध रहूंगा या नहीं...30 वर्षीय धोनी तीनों क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के कप्तान हैं...और साथ ही वह विकेटकीपर की भी भूमिका निभा रहे हैं...उन्होंने कहा...की विश्वकप के लिए आपको ऐसा विकेटकीपर चाहिए जिसने करीब 100 मैच खेले हों...इसलिए हमें इस पहलू को देखना पड़ेगा...अगर सबकुछ सही रहता है...तो वर्ष 2013 के अंत में जाकर इस पर विचार करेंगे कि क्या किया जा सकता है...हाल के वर्षों में भारत का व्यस्त कार्यक्रम रहा है...और इंडियन प्रीमियर लीग ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों की व्यस्तता और बढ़ा दी है...यही वजह है कि अब धोनी अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं...और अहम दौरों से पहले आराम ले रहे हैं...ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय शृंखला से आराम लिया था...धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने नयी ऊंचाइयां हासिल की हैं...उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वेंटी-20 विश्वकप और इस वर्ष की शुरुआत में एकदिवसीय विश्वकप जीता था...साथ ही टीम पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक पर भी पहुंची...उन्होंने आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को दो बार चैंपियन बनाया...जबकि वर्ष 2010 में उनकी टीम ने चैंपियंस लीग का खिताब भी अपनी झोली में डाला...'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर धोनी ने हालांकि माना कि विश्वकप जीतने के बाद वह भी जोश में आ गए थे...धोनी ने कहा... की विश्वकप जीतने के बाद में जोश में आ गया था...और जोर से चिल्लाया था...लेकिन मीडिया के बाद उसकी फुटेज नहीं है...ऐसे मौकों पर अपनी भावनाओं पर काबू रखना मुश्किल हो जाता है...मैंने अपनी भावनाओं को दबा रखा था...और मैं जल्दी से जल्दी ड्रेसिंग रूम पहुंचना चाहता था...उन्होंने कहा...की जैसे ही मैं ड्रेसिंग रूम में पहुंचा...दो खिलाड़ियों ने खुशी से मुझे दबोच लिया...मैं भी जोश में आकर चिल्लाने लगा...जब मैंने ऊपर देखा...तो मेरे आसपास खिलाड़ियों का हुजूम लगा था...धोनी ने कहा...की हमारे लिए विश्वकप जीतना सबसे बड़ी उपलब्धि थी...हमने 28 वर्ष बाद जाकर विश्वकप जीता था...हम सभी विश्वकप जीतना चाहते थे...और जैसे ही हमारा यह सपना पूरा हुआ...हम अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके...अगर आप फाइनल के बाद का प्रजेंटेशन कार्यक्रम देखेंगे तो पता चला कि टीम का हर खिलाड़ी खुशी से झूम रहा है...अपनी बल्लेबाजी शैली खासकर 'हेलीकाप्टर शॉट' के बारे में धोनी ने कहा...कि झारखंड में टेनिस बॉल से खेलते हुए उन्होंने यह शॉट लगाना सीखा था...उन्होंने कहा...की हम 16-18 गज की विकेट पर टेनिस बॉल से खेलते थे...और अधिकांश समय गेंदबाज यार्कर डालने की कोशिश करते थे...धोनी ने कहा...की ऐसी गेंदों पर छक्का मारने के लिए आपको गेंद को बल्ले के बीचोंबीच खेलने की जरूरत नहीं है...आप बल्ले के निचले हिस्से से खेलकर इसे सीमारेखा के पार पहुंच सकते हैं...अगर आपका शॉट सही है तो निश्चित रूप से गेंद छक्के के लिए जाएगी...कप्तान ने कहा...की मैंने कभी इस शॉट का अभ्यास नहीं किया... लेकिन समय गुजरने के साथ इसमें सुधार आया है...मैंने देखा...कि कई और बल्लेबाज भी इस शॉट को खेलने की कोशिश में लगे हैं... 

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