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रविवार, 26 अगस्त 2012

क्या टीचर, सेक्स नहीं करती?

दोस्तों, मेरा नाम अनु है और आज मै आपको अपनी एक आपबीती सुनाती हु| जब मैने जवानी के दहलीज़ पर कदम रखा था, तभी से मुझे सेक्स और संभोग की आदत पड़ गयी थी| मुझे ये सेक्स की आदत, अपने एक टुशन टीचर से पड़ी| वो मुझे घर पर पढ़ाने आते थे और हम एक बंद कमरे मे पढ़ते थे और उनकी सख्त हिदायत थी, कि जब तक वो कमरे मे रहे, कोई कमरे मे नहीं आएगा| किसी को नहीं मालूम था, कि वो पढ़ाने के साथ-साथ, अपनी काम वासना को शांत करते है| उन्होंने मुझे करीब 2 साल पढाया और पता नहीं, कितनी बार चोदा और अपनी और मेरी कामवासना को बुझाया| जब वो चले गये, तो मुझे लंड की याद सताने लगी, लेकिन कुछ काम नहीं बन रहा था| मेरा कॉलेज पूरा हो गया और मुझे एक कंप्यूटर सेण्टर मे काम मिल गया| दुसरे दिन ही मुझे समझ आ गया था, कि वहा का मालिक, बहुत ही ठरकी इंसान है और उसने सेण्टर की दो-तीन लड़कियों से नाजायज संभंद बना रखे थे| मेरे आने के बाद, उसकी नज़र मुझ पर आ गयी और उसकी नज़र इतनी पारखी थी, उसे पता चल गया, कि मै भी काफी चुदकड़ हु और मुझे भी लंड की तलाश है| सेण्टर का मालिक अकेला था और उसने शादी नहीं की थे| वो घर मे अकेला ही रहता था| उसका मन घर पर नहीं लगता था, तो वो सन्डे को भी सेण्टर आ जाता था और कुछ ना कुछ करता रहता था| एक दिन, सन्डे को सिर्फ मेरी ही क्लास थी, मजेदार बात थी, कि मै समय से पहले ही पहुच गयी थी और थोड़ी देर बाद बारिश होनी शुरू हो गयी और सारे बच्चो को मैने फ़ोन करके मना कर दिया| अब बस मुझे बारिश के रुकने का इंतज़ार था और मै क्लास मे बैठी हुई काफी पी रही थी| इतने मे, मालिक आ गये और मुझे अकेले बैठा देखकर मेरे पास आ गये और वो भी काफ्फी पीने लगे| हम कुछ इधर-उधर की फालतू बातें करने लगे और फिर उन्होंने मेरे ऊपर काफी का कप गिरा दिया| उन्होंने मुझे से छमा मांगी और बाथरूम मे जाने  के लिए बोला| मेरा सारा कुरता गन्दा हो गया था| उन्होंने बोला, कि आप मेरे ऑफिस मे चले जाओ, वहा पर एक तोलिया रखा है| मै, मालिक के ऑफिस के बाथरूम चली गये और दरवाजे को अन्दर से बंद कर लिया और शीशे मे अपने को निहारने लगी| अचानक से बाथरूम का दरवाजा खुला और मालिक अंदर आ गया और मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी गर्दन पर अपने होठ रख दिया| मैने पीछे देखा और मुस्कुरा दिया| कोई विरोध नहीं किया| बारिश ने मेरे मन भी हलचल कर दी थी| फिर, उनके हाथ मेरे पुरे शरीर पर रेंगने लगे, मेरी कमर, मेरे पेट और फिर उनके हाथ मेरे चूचो पर आकर रुक गये और मेरे बड़े चूचो को ब्रा के ऊपर से दबाने लगे| ब्रा के ऊपर से उन्हें मज़ा नहीं आ रहा था, तो उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मस्त गोरे और बड़े चुचे उनके सामने झूल गये| वो मेरे चूचो को शीशे मे देखकर आनंद ले रहे थे और पीछे खड़े हुए मेरे चूचो को दबा रहे थे| उनका लंड काफी फूल चुका था और खड़ा था, मुझे उसकी लम्बाई और मोटाई का अहसास अपनी गांड की लकीर पर हो रहा था| फिर,उन्होंने मुझे झटके से पलटा और मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और मेरे होठो पर अपने होठ रख दिया| हम दोनों की ही सांसे गरम हो चुकी थी और हम दोनों मस्ती मे एक दुसरे को चूस रहे थे| मेरा शरीर भी मस्ती मे हिल रहा था| चूसते-चूसते,मैने उनके कपडे उतार दिये और उनको पूरा नंगा कर दिया| उनका बड़ा मोटा काला लंड मेरे सामने झूल रहा था और मेरी चूत मे उसे देखकर खुजली होनी शुरू हो गयी| वो कमोड पर बैठ गयी और अपने पैरो को खोल लिया| मैने उनका लंड अपने मुह मे लेकर चुसना शुरू कर दिया| उसके मुह से मस्ती भरी आवाज़े निकलने लगी…आआआआ…ऊऊऊओ…बस……बस करो…चुसे ले साली….मुझे उनकी बातें और मस्ती मे भर रही थी और मैने उनका लंड चुसना छोड़कर, जमीन पर लेट गयी और अपनी टाँगे खोल ली| वो मेरा इशारा समझ गये और मेरे पास आ गये और 61 मे मेरी चूत को चूसने लगे| उनकी जीभ मेरी चूत की घंटी पर लगी थी और मस्ती मे उसे चाट रहे थे| उनका लंड मेरे मुह के ऊपर झूल रहा था और उसके लंड से पानी निकलना शुरू हो गया| फिर, उन्होंने अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत को खोला और अपना पूरा मुह उसमे घूसा दिया | उनकी जीभ मेरी चूत को अन्दर से चाट रही थे और मुझे से रुका नहीं जा रहा था और मैने उसके लंड पर काठ लिया | फिर, वो उठकर कमोड पर बैठ गये और अपने लंड को हिलाने लगे | मै उठी और अपनी चूत को दोनों हाथो से खोलकर उनके लंड के ऊपर रख लिया और अपने आप को नीचे धक्का मार दिया | ये वाली सेक्स पोज काफी मस्त होती है, और चूत कितनी भी फटी हो, मज़ा आता ही है और लंड की खाल भी नीचे खीच जाती है | उनका लंड काफी मोटा और लम्बा था और उनके एक ही वार करते ही मेरा सारा वीर्य निकल पड़ा और लंड के ऊपर नीचे होने साथ-साथ, सारा बाहर निकल कर मालिक के शरीर पर आ गया | वो साला अभी बाकी था, तो मैने अब उनका लंड निकल लिया और उनको फ्लश के साथ टिका दिया और सीधी होकर अपनी चूत उनके लंड पर रख दी |उनका लंड मेरी चूत पर चिपक गया था और मेरे कुछ मजेदार झटको, ने लंड का पानी निकल दिया | मैने अपनी चूत झट से हटा ली और उसके लंड के आगे अपना मुह रख लिया और चूसकर सारा वीर्य निगल लिया | हम दोनों मस्त हो चुके थे और बाथरूम के फर्श पर गिर गये | कुछ देर मे, बारिश बंद हो गयी और मै कपडे  पहनकर घर चली गयी | अगले दिन, जब मै ऑफिस पहुची, तो मेरा प्रोमोशन लेटर दिया गया और अब मुझे मालिक पर प्यार आने लगा था |

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