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मंगलवार, 7 अगस्त 2012

बरसात में चाची की चुदाई


हेल्लो दोस्तों, आप ही की तरह में भी अन्तर्वासना का एक रेगुलर पाठक हू. मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानिया पढ़ी है. इन कहानियो को पढ़ कर मैंने सोचा क्यूँ न मै भी आप के साथ अपने कुछ अनुभव शेयर करू. में अपनी कॉलेज की छुट्टियों में अपनी सबसे छोटी चाची के घर गया हुआ था. मेरे चाचाजी आर्मी में थे साल में सिर्फ़ कभी कभार ही घर आया करते थे. उन दिनों में सेकंड इयर के एक्साम दे चुका था. इसलिए मेरी जवानी अपने सुरूर पर थी. मेरी चाची को अभी कोई बच्चा नही था. उनकी शादी को अभी दो साल ही हुए थे चाचा शादी से पहले ही आर्मी में थे. इसलिए चाची के साथ ज्यादा टाइम साथ नही रह पाए थे. पहले मैंने कभी अपनी चाची को ग़लत नजरो से नही देखा था. लेकिन एक दिन चाची बाज़ार गई हुई थी. तभी अचानक बारिश शुरू हो गई. में टीवी पर मूवी देख रहा था मूवी में कुछ सीन थोड़े से सेक्सी थे. जिन्हें देख कर मन के ख्याल बदलना लाजमी था. उस टाइम मेरे मन में बहुत उत्तेजना पैदा हो रही थी. में धीरे-धीरे अपने लंड को सहलाने लगा. तभी डोर बेल बजी में अचानक घबरा गया. मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो. लेकिन मुझे याद आया की घर में तो कोई है ही नही में बेकार में डर रहा था. मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया. बाहर चाची खड़ी थी. उनका बदन पूरी तरह पानी से भीगा हुआ था और वो आज पहले से भी ज्यादा जवान और खुबसूरत लग रही थी. मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही पीछे मुड़ा तो मेरी नज़र चाची की कमर पर पड़ी जहा पर उनकी गुलाबी साड़ी के बलाउस से उनकी काले रंग की ब्रा बाहर झांक रही थी. चाची ने सामान सोफे पर रखा और मुझसे बोली सावन मेरा पूरा बदन भीग चुका है. इसलिए तुम मुझे अंडर से एक तोलिया ला दो में तोलिया ले आया तो चाची मुस्कुराते हुए बोली समान हाथो में लटका कर मेरे हाथ दर्द करने लग गए है. इसलिए तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे मैंने पूछा क्या काम है. चाची बोली जरा मेरे बालो से पानी सुखा दोगे. मैंने कहा क्यूँ नही. चाची सोफे पर बैठ गई. मैंने देखा बालो से पानी निकल कर उनके गोरे गालो पर बह रहा था. मैं चाची के पीछे बैठ गया और उनको अपने पैरो के बिच में ले लिया और बालो को सुखाने लगा. चाची का गोरा बदन भीगने के बाद भी गोरा लग रहा था. मेरे पैरो में हलचल पैदा कर रहा था. बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया. चाची ने कोई आपत्ति नही की. धीरे से मैंने उनकी कमर सहलानी शुरू कर दी. तभी अचानक चाची कहने लगी मेरे बाल सूख गए है अब में भीतर जा रही हू. वो कमरे में चली गई पर मेरी साँस रुक गई मैंने सोचा शायद चाची को मेरे इरादे मालूम हो गए. कमरे में जाकर चाची ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए. जल्दी में चाची ने दरवाजा बंद नही किया वो ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी थी. उन्होंने अपना एक-एक कपड़ा उतर दिया. मैंने अचानक देखा की चाची बड़ी गोर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी. मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था और उस पर बारिश का मौसम. जैसे बाहर पड़ रही बुँदे मेरे तन बदन में आग लगा रही थी. अब की बार चाची ने मुझे देख कर अनदेखा कर दिया. शायद ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था. में कमरे में चला गया. चाची बोली अरे सावन मैंने अभी कपड़े नही पहने तुम बाहर जाओ. में बोला चाची मैंने तुम्हे कपड़ो में हमेशा देखा लेकिन आज बिन कपड़ो के देखा है अब तुम्हारी मर्ज़ी है तुम मेरे सामने ऐसे भी रह सकती हो. और कहते हुए मैंने उनको बाहों में ले लिया. उन्होंने थोडी सी न नुकर की लेकिन मैंने जयादा सोचने का टाइम नही दिया और बिंदास उनको किस करनी शुरू कर दी मैंने देखा की उसने आँखे बंद कर ली. इसमें उनकी सहमति छुपी थी. में दस मिनट तक उसे किस करता रहा इस बीच गरम होंट उसके गोरे बदन के ज़र्रे-ज़र्रे को चूम गए. अचानक चाची ने मुझे जोर से धक्का दिया और में नीचे गिर गया एक बार तो में डर गया लेकिन अगले ही पल मैंने पाया की चाची मेरे उपर आकर लेट गई थी. और मेरे सरे कपड़े उतार दिए हम दोनों के बीच से कपड़ो की दिवार हट चुकी थी. मेरा लंड पूरी तरह तैनात खड़ा था. तभी उसने मेरे उपर आकर मेरे लंड को अपने नरम होंटो से छुआ और अपने मुह में ले लिया. वो मेरे ऊपर इस तरह बैठी थी की उसकी चूत बिल्कुल मेरे होंठो पर आ टिकी थी. मैंने चूत को बिंदास चाटना शुरू कर दिया. उसके मुह से मेरा लुंड आजाद हो गया था और आआह्छ....आआआआआआःःःःः………ऊऊऊऊःःःःःःः …….ऊओफ्फ्फ्फ़ . की आवाज उसके मुह्ह से आने लगी थी और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. ओर वो मुझ से बोली ऊह मेरे सेक्सी सावन मेरी चूत तुम्हारे इस सुडोल लंड को लिए बिना नही रह सकती पलीस सावन अपने इस प्लेयर को मेरी चूत के प्लाय्ग्रौंद में उतर दो ताकि ये अपना चुदाई गेम खेल सके. चची अब मेरे लंड को लेने के लिया तड़पने लगी थी मैंने भी उसी वक्त चाची को बहो में भरा और उठा कर बेड पर लिटा दिया. चाची की चूत रसीली हो रखी थी. में चाची के ऊपर लेट गया मेरा लंड चाची के चूत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था. चाची ने चूत को अपने दोनों हाथो से खोल दिया और मैंने धीरे से चाची की चूत में अपना लंबा लंड डालना शुरू कर दिया. काफी दिनों से चाची की चुदाई नही हुयी थी इसलिए चाची की चूत एक दम टाईट थी. मैंने जोर से झटका लगाया और लंड पूरी तरह चूत की आगोश में समां चुका था. चाची के मुह से आआह्ह्छ मार डाला की आवाज़ निकल गई और मुझे थोडी देर हिलने से मन कर दिया. कुछ देर बाद वो नीचे से हलके-हलके झटके लगाने लगी. अब मुझे भी चूत का मजा आने लगा और मैंने चाची की चुदाई शुरू कर दी. में जितनी चाची की चुदाई करता वो उतनी सेक्सी सेक्सी आवाज़ निकलने लगी. आह्ह….आःछ……..ऊऊऊऊःःःः…………ईई०ईईईईईश्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र ……….आआआआआआआःःःःःःःः …………..ऊऊओफ़् फफफफफ ………..ऊऊऊऊऊःःःःः फफफफ फ …… ..अआआछ ह्ह्ह. धीरे-धीरे चूत लूस होने लगी. हम दोनों ने कम से कम आधे घंटे तक चुदाई की. आधे घंटे बाद अचानक चाची मुझसे जोर से लिपट गई और उसकी चूत थोडी देर के लिए टाईट हो गई. कुछ और झटके लगाने के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत में छोड़ दिया ओर चाची फ़िर मुझ से लिपट गई. में इसी तरह दस मिनट तक चाची के ऊपर लेता रहा.इतना ही नही उस दिन के बाद मेरी चाची और ज्यादा सेक्सी और खुबसूरत लगने लगी. 

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